मेरी कहानी
#मुलाकात
2
चाँद का स्वरुप वो,
अनमोल वो अनन कोई।
लहरा रहे बयार पर,
जुल्फे वो रहसयमयी।
नयन मेरे ये ढीठ से,
नज़र मेरी न झुक सकी।
I write Poem about my life. I do it for my hobby. I am no professional. (Open This Blog In desktop site to enjoy colour!)
मिलन! मेरी जिस्म जैसे ज़िन्दगी मै, तू रूह बानी ख़ुशी की, खुछ पल का साथ ही सही, मैं जी लूँ वो पल भी.
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