शायद !

शायद!









शायद आपकी याद अब आती नहीं, 
शायद आपको याद करने के लिए कभी आपको भूले ही नहीं, 
शायद आपका दूर जाना जायज़ था, 
शायद दूर होकर भी पास होना ही लिखा था, 
शायद मै आज भी खोया हूं, 
शायद मै आज भी आपको ढूंढ रहा हूं
ढूंढते ढूंढते लोग तो कई मिले बस आपसा अपना कोई मिला नहीं।

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मिलन!, जुदाई!

मिलन! मेरी जिस्म जैसे ज़िन्दगी मै, तू रूह बानी ख़ुशी की, खुछ पल का साथ ही सही, मैं जी लूँ वो पल भी.