मेरी कहानी
#मुलाकात
1
इसकदर मैं बेखबर था,
अनजान मेरी राहों से,
गुजरने वालो पे न ध्यान था,
न ध्यान अपने आप पे।
सहज हुए प्रसंग कुछ,
भाव सारे बदल गए,
देख चेहरा अनमोल सा,
मन पथिक राहों पे।
इसकदर मैं बेखबर था,
अनजान मेरी राहों से,
गुजरने वालो पे न ध्यान था,
न ध्यान अपने आप पे।
सहज हुए प्रसंग कुछ,
भाव सारे बदल गए,
देख चेहरा अनमोल सा,
मन पथिक राहों पे।
No comments:
Post a Comment