Friday, 24 April 2020

#मेरी कहानी


मेरी कहानी

#मुलाकात


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इसकदर मैं बेखबर था,
अनजान मेरी राहों से,
गुजरने वालो पे न ध्यान था,
न ध्यान अपने आप पे।
सहज हुए प्रसंग कुछ,
भाव सारे बदल गए,
देख चेहरा अनमोल सा,
मन पथिक राहों पे।

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मिलन!, जुदाई!

मिलन! मेरी जिस्म जैसे ज़िन्दगी मै, तू रूह बानी ख़ुशी की, खुछ पल का साथ ही सही, मैं जी लूँ वो पल भी.